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जिला मुख्यालय पर संचालित निजी एंबुलेंस चालकों की मनमानी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। लंबे समय से एंबुलेंस संचालन में कमीशन खोरी और मनमाना किराया वसूल करने की शिकायतें सामने आ रही है। इस बीच जिले के महिला एवं बाल चिकित्सालय में अनुबंध के आधार पर जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत जननी एक्सप्रेस वाहन में अवैध वसूली जानकारी सामने आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला बाल चिकित्सालय में भर्ती रानी खेड़ा निवासी पत्नी मोनिश खान को प्रसव के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। जिस पर जननी एक्सप्रेस संचालन कंट्रोल रूम से उसे वाहन बताया गया जब महिला को लेकर उसका पति वह एक अन्य महिला रिश्तेदार गाड़ी के पास पहुंचे तो वहां मौजूद चालक ने तीन सौ रुपए की मांग की और कहा कि अपनी खुशी से दे देना, जब प्रसूता के पति ने जब राशि देने से इनकार किया तो उसे कह दिया गया कि जब तक दो सवारी नहीं होगी गाड़ी नहीं जाएगी कल चले जाना। मीडिया के पहुंचने पर अन्य वाहन की व्यवस्था कर प्रसूता को रवाना किया गया। ऐसे में जिला मुख्यालय पर संचालित होने वाले रोगी वाहन मरीजों की जेब पर डाका डालने का काम कर रहे हैं भले ही वे सरकारी अनुबंध के आधार पर कर दो या फिर निजी स्तर पर हर स्थान पर अस्पताल की मनमाने को रोकने में विफल साबित हो रहा है। गौरतलब है कि ये एम्बुलेंस चालक अस्पताल से शहर में मरीज को छोड़ने के पांच सौ रुपये तक वसूल कर लेते है और अस्पताल परिसर में नम्बर लगाकर मरीज के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करने पर आमादा है।